माँ का जन्मदिन !

 लिखना तो बहुत कुछ है मम्मी आपके लिये,

पता नहीं स्याही कम पड़ेगी या शब्द ।

ख़ुद के लिए भले कुछ कम पड़ गया हो ,

लेकिन हमें दिया तुमने सब कुछ बेहिसाब ।।


कितनी सरल हो ना तुम माँ, ना कभी हमें फटकारती ना कभी अपने आंसू दिखाती। 

हंसते खेलते हमें बड़ा किया अब हमारे Kabir को भी बिलकुल वैसे ही ललकता से हो संवारती।।


अब बहुत कर लिया तूने माँ हम सब के लिये अब तू अपने मन की करना ।

जहां भी तुझे जाना हो या जो भी तुझे करना हो बेझिझक हम सब से कहना ।।


कमबख़्त इस नौकरी ने कर दिया है हमें तुझसे अलग लेकिन मन हमेशा बना रहता है तेरी तरफ़ ।

मन करता है तुम्हें आज तृप्ति का डोसा ही खिला लाऊँ, तेरी ख़ुशी भी तो है कितनी छोटी सी और अलग ।।


पूछ लेती हो जब कि “बेटा खाना खाया या नहीं” मिल जाता है जैसे उस खाने में भी प्यार तुम्हारा ।

कभी मैं रूठ जाऊँ, तो कह देता हूँ दो बात जो, समझना उसको मेरे नामसमझी की ओर इशारा ।

हो गया हूँ शायद Papa Kabir का लेकिन रहूँगा हमेशा Monu तुम्हारा ।।


जन्मदिन की असीम शुभकामनाएँ mummy 🎂

आप सदा स्वस्थ और प्रसन्न रहें 💐

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